🔴 मगर सोचो जरा आज कितने रावण हैं जो राह चलती बच्ची, लड़की या फिर औरत को कैसे ओर किस तरह नोचते हैं... मेरी तो ये सब सुनकर भी रूह कांप जाती है, ओर उन लोगों में से दस प्रतिशत को भी सजा नहीं मिल पाती!
🔵 जैसा आज के लोग कर रहे हैं, रावण ने तो ऐसा वैसा कोई काम भी नही किया था और आप उसे हर साल जलाते हो, और सोचो जरा कितने लोग ऐसे हैं जो नन्ही सी बच्ची तक को अपहरण किये बगैर बलात्कार करके मार डालते हैं क्या कभी ऐसे लोगों को रावण की जगह बीच चौराहों पर जला पाओगे... नहीं ना... क्योंकि कानून आड़े आता है अरे रावण को सदियों से जला रहे हो... कोई कानून आड़े आया... आया क्या... जो आज के बलात्कारी करते हैं वैसा कोई घिनोना काम भी तो रावण ने नहीं किया था फिर भी देशभर के हर चौराहों पर उसे जलाने का नाटक करते हो...!
🔴 जलाना हैं तो उन पाखंडी साधु संतों को जलाओ जो धर्म के नाम पर बहु बेटियों का शारीरिक शोषण कर रहे हैं....
🔵 जलाना है तो सफेद खादी वस्त्र धारण किये उन पाखंडियों को जलाओ जो धर्म और जाति के नाम पर उंच नीच में समाज को बाँट रहे हैं....जिनके दस नहीं हजारो सर हैं।
🔴 मैं सिर्फ इतना ही कहूँगा कि रावण जलाने से कुछ हासिल नहीं होगा, खुद के अन्दर के रावण को जलाओ अपने अन्दर छुपी बुराईयों को जलाओ दुनिया में से एक रावण कम हो जाएगा!
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